Tamatar ki kheti-टमाटर की खेती

तो चलिये जानते है की(Tamatar ki kheti) टमाटर की खेती कैसे करें ,कैसे टमाटर की देखभाल करे,बरसाती टमाटर की खेती,तथा बेल वाले टमाटर की खेती और टमाटर की खेती में कौन सी खाद डालें साथ में हाइब्रिड टमाटर की खेती कैसे करे सभी जानकारी मै आपको यहाँ देने जा रहा हूँ।

Tamatar ki kheti-टमाटर की खेती

Tamatar ki kheti-टमाटर की खेती

टमाटर की देशी नस्ले :

पूसा शीतल,पूसा-120,पूसा रूबी,पूसा गौरव,अर्का विकास,अर्का सौरभ और सोनाली टमाटर की देशी किस्मे है।

टमाटर की खेती कैसे करें

टमाटर की खेती(Tomato farming) करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

भूमि की तैयारी: टमाटर की खेती के लिए सबसे महत्वपूर्ण चरण भूमि की तैयारी होती है। एक सुगम भूमि का चयन करें जो अच्छी ड्रेनेज सुनिश्चित करता हो और जिसमें पूर्ण सूर्याभास होता हो। अधिकतम उत्पादकता के लिए भूमि को अच्छी तरह से खोदें और उसमें कम से कम 4-6 इंच की एक मल्टीओर्गेनिक फर्टिलाइजर की भरपाई करें।

बीजों का चयन: टमाटर के बीज जमीन में बहुत गहराई तक बोए जाते हैं, इसलिए सही बीज का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। चुनौतीपूर्ण भूमियों में, दस या अधिक दिनों के लिए बीजों को एक नर्सरी में उगाएं और फिर उन्हें खेत में लगाएं।

रोपण: टमाटर की खेती में अच्छे रोपण तकनीक का उपयोग करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। बीजों को खेत में लगाने से पहले, रोपण के लिए एक दो फीट की दूरी पर खुदरा खाद के गड्ढे खोदें, इन गड्ढों मे एक-एक पौधे को लगाए ।

पानी की आपूर्ति: टमाटर को नियमित रूप से पानी की आपूर्ति की आवश्यकता होती है। अधिकतम उत्पादकता के लिए, एक नियमित रूप से समझौतापूर्ण और सही मात्रा में पानी प्रदान करें।

कीट और रोग संभावनाएं: टमाटर की खेती में कीट और रोग संभावनाएं भी होती हैं। समय-समय पर जांच करें और नुकसान को दूर करने के लिए उपयुक्त उपाय अपनाएं।

खाद: टमाटर के लिए उपयोगी खाद के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें। न्यूनतम खाद की मात्रा के साथ एक सही खाद में उपयोग करें गोबर की खाद टमाटर की फसल में बहुत उपयोगी है ।

फसल के संरक्षण: टमाटर की खेती में फसल के संरक्षण के लिए आवश्यक उपायों का उपयोग करें। जैसे कि प्रतिरोधी कवच का उपयोग करें जो टमाटर की फसल को कीटों और रोगों से बचाएगा।

उत्पादों का संग्रह: टमाटर की फसल के उत्पादों को उचित तरीके से संग्रहित करें। उत्पादों को फसल से तोड़ने के बाद मंडी में भेज दे ।

हाइब्रिड टमाटर की खेती
हाइब्रिड टमाटर एक विशेष प्रकार का टमाटर होता है जो दो विभिन्न प्रजातियों के टमाटर के घनिष्ठ क्रॉसिंग से बनाया जाता है। ये प्रजातियां स्वयं में सबसे अच्छी गुणवत्ता वाले टमाटर होते हैं जो उत्पादकता और रसायनी उत्पादों के रूप में अपनी ऊर्जा तथा मजबूती बनाने में मदद करते हैं। हाइब्रिड टमाटर खेती अधिक उत्पादकता और उच्च गुणवत्ता के टमाटर की पैदावार के लिए अनुकूल होती है।

हाइब्रिड टमाटर की खेती के लिए, प्राथमिक रूप से उचित बीजों का चयन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। बीज उत्पादन के लिए बहुत से प्रतिष्ठित बीज उत्पादकों के साथ काम करना एक अच्छा विकल्प होता है। उनके साथ काम करने से आपको आपकी स्थानीय मार्केट में अधिक विकल्प मिलते हैं और आपको उन्नत बीज तक पहुंचने में मदद मिलती है।

इसके अलावा, हाइब्रिड टमाटर की खेती के लिए उचित उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करना भी महत्वपूर्ण होता है।

टमाटर की हाइब्रिड नस्ले :

पूसा हाइब्रिड-1,पूसा हाइब्रिड-2,पूसा हाईब्रिड-4 और रश्मि, अविनाश-2 ये सभी टमाटर की हाइब्रिड किस्मे है।

टमाटर की खेती कब करें

टमाटर की खेती का समय और उपयुक्त मौसम उस क्षेत्र के लोकल क्लाइमेट के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। हालांकि, सामान्य रूप से, टमाटर की खेती की समय सीमा जून-जुलाई से फरवरी-मार्च तक होती है।

टमाटर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त मौसम उन्हें उगाने के लिए गर्म और नम दोनों होते हैं। जबकि ठंडा मौसम टमाटर की उत्पादन रक्षात्मक बाधाओं से प्रभावित कर सकता है। इसलिए, टमाटर की खेती के लिए समय चुनने से पहले, आपको अपने क्षेत्र के लोकल क्लाइमेट और मौसम की समीक्षा करनी चाहिए।

इसके अलावा, टमाटर की उन्नत खेती के लिए, (गोबर)ताजा मल और उत्तम समृद्ध भूमि भी जरूरी होती है। (गोबर)ताजा मल विभिन्न पोषक तत्वों का संचय करता है जो टमाटर के विकास के लिए आवश्यक होते हैं। उत्तम समृद्ध भूमि में टमाटर के रोग और कीटाणुओं का खतरा कम होता है जो उनके उत्पादन को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

टमाटर की खेती(Tamatar ki kheti)में कौन सी खाद डालें
टमाटर की खेती में विभिन्न प्रकार की खादें उपयोग में आती हैं, जो उन्नत उत्पादन के लिए उपयोगी होती हैं।

जीवामृत: जीवामृत टमाटर की खेती के लिए बहुत ही उपयोगी होता है। यह उत्तम माइक्रोबियल विकास प्रोत्साहित करता है और टमाटर के पौधों को संबलित रखता है।

वर्मीकम्पोस्ट: टमाटर की खेती में वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग करना बहुत ही फायदेमंद होता है। यह टमाटर के पौधों को ऊर्जा प्रदान करता है और उनमें विभिन्न पोषक तत्वों का संचय करता है।

निम्बू का रस: निम्बू का रस टमाटर की खेती में एक अन्य उपयोगी खाद होता है। यह पौधों को संबलित रखता है और उन्हें विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर बनाता है।

दलहनी मिट्टी: टमाटर की खेती के लिए उत्तम दलहनी मिट्टी बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। यह मिट्टी पौधों को संबलित रखती है और उन्हें विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर बनाती है।

इन सभी खादों का उपयोग एक अच्छे उत्पादन के लिए उपयोगी होती हैं।

टमाटर की बुआई कब करे

टमाटर की फसल साल में 4 बार लगाई जा सकती है। इसके लिए सबसे सही समय मार्च-अप्रैल, मई-जून, और सितंबर-अक्टूबर इसके बाद जनवरी-फरवरी में बुआई की जाती है।

मार्च-अप्रैल में टमाटर की खेती
मार्च-अप्रैल महीने में टमाटर की खेती करना एक उत्तम विकल्प हो सकता है, यदि आपके क्षेत्र में मौसम और जलवायु की स्थिति इसके लिए उपयुक्त होती है। अधिकांश भागों में मार्च-अप्रैल के महीनों में उपयुक्त तापमान और उपयुक्त जलवायु होता है जो टमाटर की उत्पादन के लिए उपयुक्त होता है।

टमाटर की खेती के लिए एक उपयुक्त मानदंड यह होता है कि बीजों को बोने से पहले मिट्टी की तापमान कम से कम 10-15 डिग्री सेल्सियस होनी चाहिए। इसके अलावा, बीजों को उगाने से पहले मिट्टी को अच्छी तरह से तैयार करना आवश्यक होता है। आपको एक उपयुक्त मिट्टी में बीजों को बोना चाहिए, जिसमें उपयुक्त मात्रा में निर्माणकारी तत्वों की उपलब्धता होती है।

इसके अलावा, टमाटर के पौधों को सबसे अच्छी तरह से संभालना चाहिए, ताकि वे अच्छी तरह से विकसित हो सकें। आप अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों का उपयोग कर सकते हैं।

(Tamatar ki kheti) टमाटर में लगने वाले रोग
आद्र गलन-
अगेती झुलसा-
पछेती झुलसा-
फल सड़न-
मोजैक-
(Tamatar ki kheti) टमाटर में लगने वाले रोगो का रोकथाम
१,आद्र गलन होने पर पिथियम, फाइटोप्फथोरा, स्केलरेसीएम का छिड़काव करे,इसमें पौधों के बीज और जमीन से लगे रहने वाले भाग सड़ जाते हैं।
२. अगेती झुलसा रोग लगने पर पौधों पर छोटे-छोटे धब्बे दिखाई देते हैं और पत्तियां पीली पड़ जाते हैं।इसके उपचार में हम अल्टरनेरिया सोलेनाइ का छिड़काव कर सकते है।
३. पछेती झुलसा जब टमाटर के पौध के आस पास भूरे रंग का पाउडर जैसा मिले तो यह पछेती झुलसा नामक रोग है इसके बचाओ के लिए फाइटोप्थोरा इंसिस्टेंस का छिड़काव करे।
४ फल सड़न जब टमाटर लगते है तो उनमे फल सड़ने की परेशानी होने लगती है इसके रोकथाम में हम पैरासिटीका का छिड़काव करते है ।
५. इसी प्रकार मोजैक रोग होने पर टमाटर के पत्ते सिकुड़ जाते है इसके उपचार में हमे गंधक का छिड़काव करना होता है ।

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Conclusion:-

टमाटर की खेती(Tamatar ki kheti) एक लाभदायक कृषि व्यवसाय है। इसमें उच्च निवेश और व्यापक ज्ञान की आवश्यकता होती है। टमाटर की खेती के लिए उचित मौसम, मिट्टी, जलवायु एवं बीजों का चयन बहुत महत्वपूर्ण होता है।

टमाटर की खेती के लिए समय-समय पर खाद और उर्वरक का उपयोग करना आवश्यक होता है। टमाटर के रोगों और कीटों से निपटने के लिए अधिकतर किसान पेशेवर उपचार द्वारा ही इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा, टमाटर की उन्नत तकनीकों एवं आधुनिक साधनों का उपयोग करना बहुत आवश्यक होता है।

टमाटर की खेती विपणन में भी लाभदायक होती है, क्योंकि टमाटर रोजमर्रा की जिंदगी में खाया जाता है और इसकी मांग स्थिर रहती है। इसलिए, टमाटर की खेती एक लाभदायक व्यवसाय होती है, जो आवासीय एवं वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए उपयुक्त है।

FAQ:-

Que:-टमाटर की खेती(Tamatar ki kheti) के लिए कौन सी मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है?
Ans:-टमाटर की खेती के लिए खादी मिट्टी जो उच्च निष्क्रिय फुफ्फुस और उच्च वातावरणीय वायु चलती हो वह सबसे उपयुक्त होती है।

Que:-टमाटर की खेती(Tamatar ki kheti) के लिए कौन सा समय सबसे उपयुक्त होता है?
Ans:-टमाटर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय फरवरी से मार्च के बीच या जुलाई से सितंबर के बीच होता है।

Que:-टमाटर की खेती में कौन से बीज सबसे उपयुक्त होते हैं?
Ans:-टमाटर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त बीज होते हैं जो उत्तम उत्पादकता, उत्तम गुणवत्ता और जीवनकाल के लिए अधिक प्रतिरोधक होते हैं।

Que:-टमाटर की खेती में कौन से कीटनाशक सबसे उपयुक्त होते हैं?
Ans:-टमाटर की खेती में कुछ कीटनाशक जो उपयुक्त होते हैं जैसे कि थायमेथोक्साम, क्लोरोपाइरीफॉस, साइपरमेथ्रिन, इमिडाक्लोप्रिड, इत्यादि। हालांकि, इनका उपयोग नियमित ढंग से न करने की सलाह दी जाती है ताकि टमाटर का विकास उचित रूप से हो सके ।

 

 

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