रानीखेत अथवा झुमरी रोग (Ranikhet Disease) मुर्गियों में पाई जाने वाली घातक बीमारी है। फिर आपका देसी बॉयलर या और भी किसी प्रजाति की मुर्गी या टर्की पाल रहे हो, तो इनमे यह बीमारी हो सकती है। यह एकदम तीव्र गति से फैलने वाली बीमारी है । यह तंत्रिका तंत्र और स्वसन तंत्र दोनों को प्रभावित करती हैं। रानीखेत रोग वायरस जनित है। इस रोग का टाइम पीरियड 5 से 7 दिनों का होता है।यह बीमारी पोल्ट्री सेट के अंदर कैसे फैलती है। यह वायरस हवा से भी इधर-उधर फैलता है। और साथ ही बीमार मुर्गी के साथ अगर स्वस्थ मुर्गी होती है,तो उसमे भी यह बीमारी फ़ैल जाती है। अगर कोई मुर्गी इस बीमारी से मरी है, और आपने उसको फॉर्म के आस-पास ही फेंक रखा है। तो भी यह बीमारी आपके फॉर्म तक आ सकती है।मुर्गिओं में रानीखेत अथवा झुमरी रोग के पहचान, उपचार तथा लक्षण के बारे में आप यहाँ जानेगे, यह रोग बीमार मुर्गियों की बीट तथा उनकी नाक, आंसू,और मुंह से जो स्राव निकलता है, उससे भी यह बीमारी फैलती है।
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Ranikhet Disease-रानीखेत अथवा झुमरी रोग के पहचान, उपचार तथा लक्षण
रानीखेत बीमारी के लक्षण:-
इस बीमारी की पहचान
- उग्र रूप
- कम हानिकारक रूप
- कम प्रभावित रूप
- शुरुआती 5 से 7 दिनों में आने वाला रोग
उग्र रूप –
इस अवस्था में मृत्यु दर कितनी भी हो सकती है। साथ ही इस बीमारी का टाइम पीरियड 3 से 4 दिन का होता है। लेकिन कभी-कभी इस उग्र रूप में सभी मुर्गियां मर जाते हैं। इस अवस्था में मुर्गी के मरने के पहले उसे तेज बुखार आता है। वह पूरी तरह से गर्म हो जाती है। मुर्गियों को सांस लेने में भी दिक्कत होती है। परेशानी से बचने के लिए मुर्गियां मुंह खोलकर सांस भी लेती हैं। तथा सांस लेने पर मुर्गियों के मुंह से एक अलग आवाज होगी। अगर आप लेयर फार्मिंग कर रहे हो तो आपके फार्म में अंडे का प्रोडक्शन पूरी तरह से कम हो जाएगा। और मुर्गियों की बीट हद से ज्यादा हरे कलर की हो जाएगी और वीट से बदबू भी होगी। और मुर्गा मुर्गी की कलगी लाल रंग से हल्के काले रंग में दिखने लगेगी। वह मुंह खोलकर सांस लेगी और उसके पंख नीचे की ओर झुक जाएंगे यह लटके रहेंगे। इस अवस्था में इस तरह के लक्षण दिखते हैं।
कम हानिकारक रूप :-
इस अवस्था में मृत्यु दर 5 से 20% तक होती है। सांस लेने में कठिनाई होगी, लेकिन किसी तरह कि कोई आवाज नहीं होगी। तथा इसमें भी आपको हरे कलर के दस्त देखने को मिलेंगी इस अवस्था में अंडा उत्पादन एकदम बंद नहीं होगा, थोड़ा कम हो जाएगा साथ ही पंख तथा पैर में लकवा हो सकता है। अगर आपकी मुर्गी में इस तरह के लक्षण दिखते हैं। तो आप समझ जाइए यह रानीखेत बीमारी है। लेकिन कम हानिकारक रूप
Ranikhet Disease-कम प्रभावित रूप :-
शुरुआती 5 से 7 दिनों में आने वाला रोग:-
यह अवस्था शुरू के पहले दिन से सातवें दिन के बीच में दिखाई देती है। इसमें किसी तरह के भी लक्षण स्पष्ट नहीं होते हैं। इसलिए इसके लक्षण ज्यादातर पहचान में ही नहीं आते हैं।
Ranikhet Disease-रानीखेत बीमारी के उपचार:-
वैक्सीन तथा टीकाकरण:-
Ranikhet Disease – रानीखेत अथवा झुमरी रोग के पहचान और उपचार तथा लक्षण
Conclusion–
FAQ :-
Ans:-Ranikhet Disease-रानीखेत रोग का कारण समय पर वैक्सीन का ना लगा होना है और रानीखेत वायरस संक्रमण से होता है यह बहुत तेजी से फैलने वाला रोग है।