Poultry Litter Management करने के लिए बुरादा या लीटर के लिए आप लकड़ी का भूसा, मूंगफली का छिलका या धान का छिलका का उपयोग कर सकते हैं। चुजा आने से पहले लीटर की 2 से 3 इंच मोटी परत फर्श पर बिछाना आवश्यक है लीटर पूरा नया होना चाहिए एवं उसमें किसी भी प्रकार का संक्रमण ना हो। शेड के अंदर बुरादे या लीटर से अमोनिया उत्पन्न होने से रोकने के लिए हर हफ्ते में एक दो बार लीटर में 1 किलोग्राम 20 से 25 वर्ग फुट जगह में चुना छिड़ककर बुरादा लीटर को खोदकर उलट-पुलट करें इससे लीटर सूखा रहता है और अमोनिया उत्पन्न नहीं हो पाता है।
Poultry Litter Management
Poultry House Litter Management
Uses And Management of Poultry Litter-
मल को जल्दी सोख लेना चाहिए और जल्दी सूख जाना चाहिए।अमोनिया के उत्पादन को सीमित करना चाहिए।यह सस्ता और स्थानीय रूप से उपलब्ध होना चाहिए।हानिकारक रोग जनकों के विकास को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।
Poultry Litter Management नुकीली वस्तुओं और अन्य आपत्तिजनक सामग्रियों से मुक्त होना चाहिए।बहुत अधिक सूखे कूड़े की सामग्री खेत में धूल का कारण बनती है।यह बायोडिग्रेडेबल होना चाहिए, पक्षियों को कुछ पोषक तत्वों की आपूर्ति करें और बाद में अच्छी गुणवत्ता वाली खाद बनाएं।
इसे जल्दी से गोबर से नमी को अवशोषित करना चाहिए। यह फफूंदी से मुक्त होना चाहिए। एक अच्छी लिटर सामग्री वह है जो हाथ खोलने पर टूट जाती है और अधिक नमी वाली लिटर सामग्री हाथ में एक गेंद बन जाएगी।
कूड़े खाने और कुक्कुट व्यवहार के कारण उपयोग की जाने वाली बिस्तर सामग्री शव की गुणवत्ता और यहां तक कि कभी-कभी पक्षी के प्रदर्शन पर भी गंभीर और महत्वपूर्ण प्रभाव दिखाती है।
Overcrowding की वजह से लिटर जल्दी गिला होता है। इसलिए समय रहते बैच में जगह बढ़ा दीजिए। गीला लिटर coccidiosis होने का सबसे मेन कारण है। इसीलिए कभी लीटर गीला हो भी गया तो उसे नया बुरादा डालकर सूखा कीजिए या फिर पूरा लिटर ही चेंज कर दीजिए बैक्टीरिया होने से वाली बीमारियों में सबसे बड़ा हाथ खराब हुए लिटर का होता है।
मुर्गियों को आने वाली बीमारी पर मेडिसिन देने के 4 से 5 दिन में आपकी मुर्गियां ठीक हो जाती हैं। लेकिन 5 से 6 दिन बाद मुर्गियां और भी बीमारी से बीमार हो कर मर जाती हैं क्योंकि लीटर के व्यक्ति बैक्टीरिया अभी तक मरे नहीं थे और वह फिर से वापस आकर मुर्गियों को बीमार करते हैं।
चूने के इस्तेमाल से ना सिर्फ लीटर सूखा होता है बल्कि लीटर के भीतर के बारीक कीटाणु और बैक्टीरिया भी मर जाते हैं।
Ventilation की व्यवस्था अगर आपके पोल्ट्री फार्म पर अच्छी है तो लीटर गीला होने का प्रमाण कम हो जाएगा। लीटर गीला होने के पीछे एक कारण वेंटीलेशन प्रॉपर ना होना भी होता है।
लीटर मैनेजमेंट 3 प्रकार के होते है ।
१.चावलों का छिलका २. लकड़ी का बुरादा ३. गेहूं का धान का सूखा भूसा
हमे चावलों का छिलका का उपयोग करना चाहिए ,यह सबसे अच्छा मना गया है ।
Ranikhet Disease – रानीखेत अथवा झुमरी रोग के पहचान और उपचार तथा लक्षण
Conclusion:
दोस्तों यहां आपने जाना Poultry Litter Management किस तरह से किया जाता है हम लीटर मैनेजमेंट के लिए या बिछावन के लिए क्या उपयोग कर सकते हैं किस तरह से उपयोग कर सकते हैं यह सभी बातें आपने आ जानी अगर मेरे बताने में कुछ छूट गया हो तो आप और भी जगह से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं आशा करता हूं मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपके बहुत काम आएगी।
आपका धन्यवाद🙏🏽