Desi Murga-देसी मुर्गा मुर्गी पालन(देहाती मुर्गा)

Desi Murga

भारत में रोज़गार का एक अच्छा साधन है। लोग घर पर रह कर भी इसका पालन कर सकते है। मै इस ब्लॉग़ में आप को बताऊंगा की मुर्गी पालन किस तरह से करना चाहिए। और भारत में इसकी क्या कीमत है। और इसे क्या खिलते हैक्या वैक्सीन देते है

और यह कितने प्रकार के होते है । ये सभी बाते आप को यहाँ जानने को मिलेगी ।गांव में जो लोकल ब्रीड पाली जाती है।वह आमतौर पर ओरिजिनल देसी मुर्गी होती है।

यह ओरिजिनल देसी मुर्गी मांस के साथ अंडे भी देती है।लेकिन पोल्ट्री फार्म पर जिन देसी मुर्गियों को पाला जाता है, उन सभी मुर्गियों की वजन और अंडे देने की कैपेसिटी ओरिजिनल देसी मुर्गी से ज्यादा होती है।इसीलिए पोल्ट्री फार्म पर उन्नत नस्ल की देसी मुर्गियां पाली जाती हैं।

Desi Murga

Desi Murga-देसी मुर्गा मुर्गी पालन

Desi Chicken उन्नत देसी मुर्गियों के नाम

  1.  डीपी
  2.  डीपी क्रॉस+ कावेरी+ सोनाली+ ग्रामप्रिया
  3. FFG Kruoiler
  4.  कड़कनाथ (ओरिजनल/ क्रॉस)

1000 देसी मुर्गियों को लगने वाले टोटल प्रोडक्शन कॉस्ट का और उससे मिलने वाले मुनाफे का कैलकुलेशन हम एक बार देख लेते हैं।

  • 1000 चीक्स ×22₹(Dp Cross)           =22,000₹
  • 1 Kg बनने के लिए 70 दिन में लगने वाला फ़ीड 32,00kg ×30₹  =96,000₹
  • मेडिसिन+वैक्सीन      =3000₹
  • लीटर      =1000₹
  • लाइट बिल   =3000₹
  • मेंटेनेंस का खर्चा   =1000₹
  • इतर/etc(गाड़ी पेट्रोल+ नए बल्ब का रिप्लेसमेंट)  =2000₹
  • ———————————————————————-
  • Total/कुल खर्चा      =1,28,000₹

कैलकुलेशन में बताए गए चीक्स की कीमत और फीड की कीमत मौसम के हिसाब से कम और ज्यादा होती रहती है, तो ऐसे में आपकी देसी डीपी क्रॉस बैच को लगने वाली प्रोडक्शन कॉस्ट भी कम या ज्यादा होगी।

जैसे ही आपकी देसी डीपी क्रॉस मुर्गी 1kg की हो जाती है, तो हम उसे मार्केट में बेच देते हैं।

एक देसी डीपी क्रॉस मुर्गी को 1 किलो वजन बढ़ाने के लिए 3200 ग्राम फीड की आवश्यकता होती है।

लेकिन आप कौन सी क्वालिटी का फीड इस्तेमाल करते हो उस हिसाब से आपके देसी डीपी क्रॉस मुर्गी का 1 केजी वजन बढ़ाने के लिए 100 से 300 ग्राम फीड कम या ज्यादा लग सकता है।आज की हमारी 1kg की प्रोडक्शन कॉस्ट है 128₹, तो ऐसे में अगर हमें सेलिंग रेट 160₹ का मिलता है तो हमें प्रति 1kg के पीछे 32₹ (प्रॉफिट मार्जिन) मुनाफा होता है।

Total/प्रॉफिट /मुनाफा= आपके जिंदा मुर्गियों का Total/कुल वजन।×प्रॉफिट मार्जिन

आपके जिंदा मुर्गियों का Total/ कुल वजन क्या है? 1000 Kg

(हर एक मुर्गी का वजन 1kg×1000 मुर्गियां=1000kg[2% मोटिलिटी ग्रहीत])

=1000Kg×32₹

=32,000₹ Total – कुल मुनाफा।

यह मुनाफा आपको हर बैच मे कम या ज्यादा आएगा, लेकिन 1000 देसी डीपी क्रॉस मुर्गियों के पीछे आप कम से कम ₹20,000 और ज्यादा से ज्यादा ₹60,000 कमा सकते हो यह सब निर्भर करता है, कि आपको सेलिंग रेट कितना मिलता है। और आपके बीच में मोर्टोलिटी कितनी हुई है।

आपको ब्राइलर मुर्गी के जैसे देसी मुर्गी को फिक्स रेट में नहीं बेचना पड़ता है, जिस कारण आप उसे रिटेल में ज्यादा कीमत में बेचकर ज्यादा मुनाफा कमा सकते हो।

Poultry farming

नस्ल का चुनाव हमें यह देखकर करना चाहिए कि हम मुर्गी पालन क्यों कर रहे हैं ।

1-मीट के लिए
2-अंडो के लिए

मुर्गी तीन प्रकार की होती है।

1.देसी मुर्गा मुर्गी(देहाती मुर्गा)Desi Murga

2. लेयर मुर्गी

3. बॉयलर मुर्गी

देसी मुर्गा मुर्गी –

यह मुर्गी विभिन्न प्रकार की होती है।

देहाती मुर्गा,Aseel Murga ,कड़कनाथ ,वनराजा,सोनाली, ब्राह्मा रोस्टर्स, (Kuroiler) कुरोइलेर,कुवाइलर , ग्रामप्रिया , गिरिराज, इत्यादि,

 

 

मुर्गी पालन

(देहाती मुर्गा)देशी  मुर्गी पालन के लिए क्या जरूरी है। हमारे पास एक ऐसे स्थानों जोकि सांप बिच्छू छोटे-छोटे बिल्ली कुत्ता या अन्य जंगली जानवर जाने की कोई जगह ना हो इसके अलावा हमें देखना होगा की वहां पर किसी भी प्रकार का जलभराव ना हो और

छोटे चीजों को रखने के लिए पार्टीशन की अलग जगह हो जिसमें आगे चलकर हमको देसी मुर्गियों के द्वारा निकाले गए चीजों को तैयार करने के लिए जगह पर्याप्त मात्रा में हो आपने देखा होगा देसी मुर्गियां अपने साथ 50 50 बच्चों तक का पालन कर लेती हैं ।

मुर्गी पालन के लिए नस्ल हम कोई भी ले सकते हैं। मैं कड़कनाथ को वरीयता देता हूं क्योंकि कड़कनाथ क्योंकि कड़कनाथ मुर्गे की बढ़ने की क्षमता अन्य मुर्गों की ही भांति होती है तथा कड़कनाथ मुर्गा अन्य मुर्गों की अपेक्षा बहुत ही सुंदर आकर्षक और कीमती होता है।
लेयर मुर्गी –

लेयर मुर्गी अंडे देने वाली नस्लें मानी जाती है यह 4 से 5 महीने में अंडे देने के लिए तैयार हो जाती है । और लगातार 16 से 18 महीने तक अंडे देती रहती है ।इसके बाद यह मीट के प्रयोग में लाई जाती है।
रखरखाव-

लेयर मुर्गी के रखरखाव के लिए दो तरह से पालन किया जा सकता है।

1 जमीन पर
2 केज सिस्टम
जमीन पर पालन के लिए प्रति 100 बच्चे को 100*200 फिट जगह की उपलब्धता होनी चाहिए। और के सिस्टम में मुर्गी का खर्चा ₹1000 प्रति के हिसाब से आता है जो की एक बार ही होता है।

ब्रायलर मुर्गी-

बायलर मुर्गी मीट के लिए पालन की जाती है जो कि 35 से 45 दिनों मे ही 1 से 2 किलो के वजन की हो जाती है और यह बाजार में बिकने योग्य हो जाती है यह मुर्गी कम समय में तैयार हो जाती है और अच्छा मुनाफा देती है प्रायः भारतीय किसान इसका पालन करते है।

Desi Murga Price-इसकी कीमत 

इसकी कीमत ₹1000 मुर्गे की तथा ₹800 मुर्गी की रहती है जोकि सभी फार्म पर आसानी से उपलब्ध है उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो यहां पर फार्म कम होने के कारण इतनी उपज नहीं है इसकी प्राया उपज मध्य प्रदेश के झाबुआ में और अब कुछ किसानों ने मुंबई के महाराष्ट्र में बड़े स्तर से प्रारंभ की है।

बीमारी के बारे में बीमारी के प्रकार और वैक्सीन 

इसमें प्रायः, रानीखेत ,बर्ड फ्लू , फाउल पॉक्स, गम्बोरो  जैसी बीमारियां होती है।

 

रानीखेत

रानीखेत में तेज बुखार और सांस लेने में परेशानी होने लगती है। इसके लिए उस मुर्गी को अन्य मुर्गियों से अलग करना चाहिए और उपचार करना चाहिए।

निवारण

रानीखेत के लिए हमें rb2 और एंडी किल्ड नामक वैक्सीन देनी चाहिए।

 

बर्ड फ्लू

बर्ड फ्लू यह बीमारी जानलेवा है तथा इसके बचाव के लिए बीमार मुर्गियों को अन्य मुर्गी से अलग करना चाहिए तथा खान-पान का ध्यान रखना होता है इसका कोई भी परमानेंट इलाज नहीं है।

फाउल पॉक्स

इसमें मुर्गियों में छोटे छोटे फुंसी हो जाती हैं आंखों की पुतली और सिर पर आसानी से देखा जा सकता है और आंखों से पानी आने लगता है मुंह के छाले हो जाते हैं संक्रमित मुर्गी की मौत हो जाती है इन्हें गम्बोरो वैक्सीन दिया जाता है।

फीड/चारे

चूजों  को पहले दिन से 10 दिनों तक हमें प्री स्टार्टर देना चाहिए इसके बाद 11 से 21 दिनों के बीच में स्टार्ट कर देना चाहिए और 22 दिन के ऊपर के बच्चों को फिनिशर दिया जाता है तथा देसी मुर्गों में हम शुरुआत के 10 दिनों तक प्री स्टार्टर

इसके बाद घर का पिसा हुआ मिक्सर और मल्टीविटामिन को  पानी के साथ वैमेरोल देना चाहिए जो कि हफ्ते में 2 दिन देना है।देसी मुर्गा मुर्गी के  बच्चों को “Prestater” देना चाहिए 10 दिनों तक इसके बाद जो भी राशन आपके घर के पास आसानी से मिल सके वो  4 अलग -अलग जैसें मक्का, बाजार,चावल की कनकी खली आदि को आपस में मिलाकर दलीया की तरह पीसकर देना चाहिए या बाजार से फीनीसर फ़ीट लाकर भी दे सकते हैं।

ये करने के अलावा आप उन्हें घास, बरसीग,चरी आदि भी दे सकते है।

Ranikhet Disease – रानीखेत अथवा झुमरी रोग के पहचान और उपचार तथा लक्षण

 

Conclusion

दोस्तों अब आप जान चुके है की (Desi Murga ) देसी मुर्गा मुर्गी पालन और कीमत के बारे में  क्या अहम बाते है।
 ये पूरा नॉलेज मै अपने 5 साल के अनुभव से दे रहा हूँ एक बात मै बता दू की 5 महीने में आप चाहो तो लाख रुपए आप कमा सकते हो 100 मुर्गे रख कर भी बस आप को लगातार (देख-रेख) मेहनत करना होंगा,  तो मै ये उम्मीद करता हूँ की मेरे द्वारा दी गई जानकारी आप के बहुत काम आयेगी और आप उसे बहुत पसंद करेंगे।
 आपका धन्यवाद 🙏

FAQ

  • Que:-देसी मुर्गा कितने रुपए किलो है?

Ans:-इसकी कीमत ₹1000 मुर्गे की तथा ₹800 मुर्गी की रहती है। 

  • Que:-Desi Murga का चारा क्या है?

Ans:-चूजों को पहले दिन से 10 दिनों तक हमें प्री स्टार्टर देना चाहिए इसके बाद 11 से 21 दिनों के बीच में स्टार्ट कर देना चाहिए और 22 दिन के ऊपर के बच्चों को फिनिशर दिया जाता है तथा देसी मुर्गों में हम शुरुआत के 10 दिनों तक प्री स्टार्टर इसके बाद घर का पिसा हुआ मिक्सर और मल्टीविटामिन को पानी के साथ वैमेरोल देना चाहिए जो कि हफ्ते में 2 दिन देना है।

देसी मुर्गा मुर्गी के बच्चों को “Prestater” देना चाहिए 10 दिनों तक इसके बाद जो भी राशन आपके घर के पास आसानी से मिल सके वो 4 अलग -अलग जैसें मक्का, बाजार,चावल की कनकी खली आदि को आपस में मिलाकर दलीया की तरह पीसकर देना चाहिए या बाजार से फीनीसर फ़ीट लाकर भी दे सकते हैं। ये करने के अलावा आप उन्हें घास, बरसीग,चरी आदि भी दे सकते है।

  • Que:-देसी चिकन का मतलब क्या होता है?
Ans:-यह मुर्गी विभिन्न प्रकार की होती है।असील ,कड़कनाथ ,वनराजा,सोनाली, ब्राह्मा रोस्टर्स, (Kuroiler) कुरोइलेर,कुवाइलर , ग्रामप्रिया , गिरिराज इत्यादि
  • Que:-Desi Murga को बढ़ने में कितना समय लगता है?

Ans:-देसी मुर्गा मुर्गी को बढ़ने में 5 महीने का वक्त लगता है।

  • Que:-Desi Murga की सबसे अच्छी नस्ल कौन सी है?

Ans:-Desi Murga सबसे अच्छा kadaknath कड़कनाथ मुर्गा होता है।

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