Broiler Farm -1000 ब्रायलर को लगने वाले टोटल प्रोडक्शन कॉस्ट का और उससे मिलने वाले मुनाफे का कैलकुलेशन

Broiler Farm

Broiler Farm एक प्रकार का पोल्ट्री फार्म है जो मांस उत्पादन के लिए ब्रायलर मुर्गियों को पालता है। ये मुर्गियां आमतौर पर एक विशेष नस्ल हैं जिन्हें तेजी से बढ़ने और फ़ीड को मांस में कुशलतापूर्वक परिवर्तित करने के लिए विकसित किया गया है। ब्रायलर फार्म आकार और पैमाने में भिन्न हो सकते हैं, छोटे फार्म के संचालन से लेकर बड़े व्यावसायिक फर्मो तक।

ब्रायलर फार्म में, मुर्गियों को पर्यावरण नियंत्रित शेड या खलिहान में रखा जाता है। मुर्गियों के विकास और कल्याण को अनुकूलित करने के लिए तापमान, आर्द्रता, वेंटिलेशन और प्रकाश व्यवस्था को सावधानीपूर्वक नियंत्रित किया जाता है। मुर्गियों को उनके विकास का समर्थन करने के लिए अनाज, प्रोटीन स्रोत और अन्य पोषक तत्वों का संतुलित आहार दिया जाता है।

ब्राइलर मुर्गी एक उन्नत नस्ल की मुर्गी है, जिसे सिर्फ और सिर्फ मांस के लिए पाला जाता है। ब्रायलर मुर्गी कम फ़ीड खाकर ज्यादा वजन बढ़ाती है। ब्रायलर मुर्गी की वजन बढ़ाने की क्षमता सभी मुर्गियों में सबसे ज्यादा होती है। broiler farm प्रजाति के मुर्गा या मुर्गी अंडे से निकलने के बाद 40 ग्राम के होते हैं। जो सही प्रकार से दाना खिलाने के बाद 5 हफ्ते (35 से 37 दिन) में लगभग 2 किलो से 2.2 किलो के हो जाते हैं।

Broiler Farm -1000 ब्रायलर को लगने वाले टोटल प्रोडक्शन कॉस्ट का और उससे मिलने वाले मुनाफे का कैलकुलेशन

Broiler Farm

ब्राइडल ब्रीड

1Cobb 400.

2.Cobb 400Y

3.Cobb430Y

4.IB Ross.

5.Skylark Hubbard

वैसे तो परफॉर्मेंस सभी ब्रीड का अच्छा है, लेकिन कोशिश कीजिए कि आपको Cobb 430 Y का चिक्स मिले, क्योंकि सभी ब्रीड से Cobb 430 Y का परफॉर्मेंस ब्रायलर फार्म में सबसे अच्छा है।

Broiler Farm1000 ब्रायलर को लगने वाले टोटल प्रोडक्शन कॉस्ट का और उससे मिलने वाले मुनाफे का कैलकुलेशन हम एक बार देख लेते हैं।

1. 1000 चिक्स ×30₹ (approx)=3000₹

2. 2Kg बनने के लिए 35 दिन में लगने वाला फीड=31,00kg×30₹=93000₹

3. मेडिसिन + वैक्सीन=4000₹

4. लीटर = 1000₹

5.लाईट बिल = 2000₹

6. मेंटेनेन्स का खर्चा =1000₹

7. इतर/etc (गाड़ी पेट्रोल + नए बल्ब का रिप्लेसमेंट)=2000₹

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poultry broiler farm Income Total / कुल खर्चा=1,33,000

कैलकुलेशन में बताए गए चिप्स की कीमत और फीड की कीमत मौसम के हिसाब से कम और ज्यादा होती रहती है तो ऐसे में आपकी ब्राइलर बैच को लगने वाली प्रोडक्शन कॉस्ट भी कम या ज्यादा होगी।

जैसे ही आप की ब्राइलर मुर्गी 2 किलो की हो जाती है तो हम उसे मार्केट में बेच देते है।

1 ब्रायलर मुर्गी को 2 किलो वजन बढ़ाने के लिए 3100 ग्राम फीड की आवश्यकता होती है।

2 किलो के ऊपर ज्यादा वजन बढ़ाने के लिए अगर हम ब्रायलर को आगे के कुछ दिन और पालते हैं तो ऐसे में हमारा FCR बढ़ जाता है।FCR बढ़ने से हमें प्रॉफिट कम मिलता है। इसी कारण जैसे ही आप की ब्राइलर मुर्गी 2 किलो की हो जाती है। आप उसे जल्दी से बेच दीजिए।

ब्राइलर की पोल्ट्री फार्मिंग में एक बात हमेशा ध्यान में रखिए “ऑल इन ऑल आउट”मतलब आप के चिप्स एक ही दिन इकट्ठे आएंगे और लास्ट में इकट्ठे एक साथ एक या 2 दिन के भीतर बिक जाएंगे।

ब्राइलर को बेचने के लिए अगर ज्यादा दिन लगे तो हर दिन ब्राइलर की कुछ मुर्गियों को बेचने के बाद जो बैच में बाकी की ब्राइलर मुर्गियां बच जाती है वह बेचते समय होने वाले भाग दौड़ के कारण काफी ज्यादा घबरा जाती हैं और स्ट्रेस में भी आ जाती हैं जिस कारण आपकी मुर्गी थोड़ा बहुत खाना तो खाएगी लेकिन पहले जैसा वजन नहीं बढ़ाएगी।

ऐसे में आपको फीड का खर्चा ज्यादा आएगा लेकिन उस हिसाब से आपकी मुर्गियों का वजन नहीं आएगा जिससे कि डायरेक्टली आप की प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ जाएगी और आपको प्रॉफिट भी कम होगा तो इसलिए “ऑल इन ऑल आउट” के फार्मूले को हमेशा ध्यान में रखें

मार्केट में आपको प्रति 1 किलो के पीछे सेलिंग रेट मिलता है। तो अभी हम 1 किलो की प्रोडक्शन कॉस्ट किस तरह से निकालते हैं। वह एक बार देख लेते हैं।

एक किलो प्रोडक्शन कॉस्ट=पूरे बैच का टोटल कुल खर्चा/आपके जिंदा मुर्गियों का टोटल कुल वजन।

आपके जिंदा मुर्गियों का टोटल कुल वजन क्या है। 2000 kg(हर एक मुर्गी का वजन 2 किलो×1000मुर्गिया =2000किलो [2% मोर्टोलिटी गृहीता])

1 kg प्रोडक्शन कॉस्ट=1,33,000₹/2000kg=66.5₹

तो इस तरह आपको 1kg का प्रोडक्शन कॉस्ट निकालना है।

आपकी ब्राइलर मुर्गियों का एवरेज वजन जब 2KG हो जाएगा, तब मार्केट में आपको उसे बेचते समय क्या रेट मिलता है, इस पर आपका पूरा मुनाफा डिपेंड होता है।

आमतौर पर आपको गर्मियों के मौसम में सबसे ज्यादा सेलिंग रेट मिलता है। और कभी -कभार जितनी हमारी 1kg की प्रोडक्शन कॉस्ट होती है उतना ही हमें सेलिंग रेट मिलता है, और कई बार तो रेट 1 kg प्रोडक्शन कॉस्ट के नीचे भी चला जाता है तो ऐसे में कई बार पोल्ट्री फार्मर्स को नुकसान भी उठाना पड़ता है‌।

आज की हमारी 1 kg की प्रोडक्शन कॉस्ट है 66.5₹, तो ऐसे में अगर हमें सेलिंग रेट 76₹ मिलता है। तो हमें प्रति 1kg के पीछे 10₹ का (प्रॉफिट मार्जिन) मुनाफा होता है।

Total प्रॉफिट मुनाफा = आपकी जिंदा मुर्गियों का कुल वजन × प्रॉफिट मार्जिन

= 2000kg ×10₹

=20,000 ₹ Total कुल मुनाफा

यह मुनाफा आपको हर बैच मे कम या ज्यादा आएगा, लेकिन 1000 ब्राउज़र के पीछे आप कम से कम ₹10,000 और ज्यादा से ज्यादा ₹50,000 (गर्मी के मौसम में) कमा सकते हो।

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Conclusion

poultry farm broiler में उत्पादन के कई चरण शामिल हैं, जिसमें चूजे की खरीद, ब्रूडिंग, ग्रो-आउट और प्रसंस्करण शामिल हैं। चूजों को आमतौर पर एक हैचरी से प्राप्त किया जाता है और उन्हें एक ब्रूडिंग क्षेत्र में रखा जाता है, जहां उन्हें गर्म रखा जाता है और एक निश्चित आकार तक पहुंचने तक खिलाया जाता है। फिर उन्हें विकसित क्षेत्र में ले जाया जाता है जहां वे बढ़ते और परिपक्व होते रहते हैं। जब मुर्गियां वांछित आकार तक पहुंच जाती हैं, तो उन्हें मांस के लिए संसाधित किया जाता है।

ब्रायलर फार्म की खेती वैश्विक खाद्य प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो बढ़ती आबादी के लिए प्रोटीन का एक महत्वपूर्ण स्रोत प्रदान करती है। हालाँकि, यह एक जटिल और गतिशील उद्योग भी है जो विभिन्न आर्थिक, नियामक और सामाजिक दबावों के अधीन है। इस प्रकार, ब्रॉयलर किसानों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने संचालन की दीर्घकालिक व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रबंधन प्रथाओं में जानकार और सक्रिय हों।

FAQ

Que:-ब्रायलर फार्म का क्या अर्थ है?

Ans:-ब्रायलर फार्म का अर्थ ब्रायलर चिकन फार्म है, जो चिकन की एकमात्र प्रजाति है। जो 35 दिनों में बाजार में बिकने योग्य उपलब्ध हो जाती है।

Que:क्या ब्रायलर मुर्गी पालन लाभदायक है?

 Ans:-हां ब्रायलर मुर्गी पालन लाभदायक है क्योकि यही वो चिकन है। जिसे 35 दिनों में २ KG तक का बड़ा किया जाता है।

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